Bhakt Diwas: भक्त दिवस कब मनाया जाता है?, जानिए भक्तों के प्रकार
अमन पठान
भारत ऐसा देश के है जहां विभिन्न धर्मों और जातियों के लोग रहते हैं जिस कारण दुनिया भर में सबसे ज्यादा त्यौहार भारत में ही मनाए जाते हैं। दुनिया में कोई न कोई दिन किसी न किसी के नाम कर दिया गया है। जैसे शिक्षक दिवस पर शिक्षकों की शान में कसीदे पढ़े जाते हैं। इसी तरह जो दिन जिसका होता है वो उस दिन को सेलिब्रेट करता है।
भारत में भक्तों की एक बड़ी जनसंख्या है। भक्तों को भी एक दिन सेलिब्रेट के लिए मिलना चाहिए। क्या भारत में ऐसा कोई दिन है जिस दिन भक्त दिवस मनाया जा सकता है। हमने गूगल पर सर्च किया तो पता चला 8 मई को विश्व गधा दिवस मनाया जाता है।
गधे को मूर्ख प्राणी कहा जाता है और भक्त भी मूर्ख होते हैं इसलिए गधा दिवस को भक्त दिवस के रूप में मनाया जा सकता है। हालांकि गधा दिवस को भक्त दिवस के रूप में मनाए जाने के लिए अभी आधिकारिक घोषणा नही हुई है लेकिन उम्मीद है कि भविष्य में गधा दिवस को भक्त दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की जा सकती है?
आइए जानते हैं भक्तों की खासियत
2014 से पहले नेताओं के चापलूसों को चमचा कहा जाता था। 2014 के बाद भारत में अचानक से भक्त प्रजाति की उत्पत्ति हुई। भक्तों की जनसंख्या इतनी तेजी से बढ़ी कि देखते ही देखते भक्तों की जनसंख्या लाखों में पहुंच गई। भक्त प्रजाति के लोग आपको हर गांव शहर के गली मोहल्ले में मिल जाएंगे।
भक्त प्रजाति के लोग दिन रात एक नेता की जी हुजूरी करते हैं। उस नेता की गलत बात को सही ठहराने के प्रयास में गालियां भी खाते हैं। बुरा भला भी सुनते हैं। सोशल मीडिया पर जमकर टांग खिंचाई होती है। भक्त लोग इतने बेशर्म होते हैं कि उन पर गालियों का भी कोई असर नही होता है। ऐसा लगता है कि जैसे भक्त गाली प्रूफ होते हैं।
आइए जानते हैं भक्तों के प्रकार
भक्त कई प्रकार के होते हैं। अड़ियल भक्त, बेशर्म भक्त, फुस्कार भक्त, कट्टर भक्त, मासूम भक्त, जिद्दी भक्त आदि प्रकार के भक्त होते हैं।
अड़ियल भक्त अपने साहेब की हर झूठी बात को सच साबित करने के लिए अड़ जाता है। फिर चाहें उसे पाकिस्तान की मिसाल ही क्यों न देनी पड़े।
बेशर्म भक्त की बात करें तो ये भक्तों की ऐसी प्रजाति होती है जिसे अपने कृत्यों पर कतई शर्म नही आती है। इन्हें आप कुछ भी कह दें ये शर्मिंदा नही होते हैं?
फुस्कार भक्त तो मोबाइल की मिस कॉल की तरह होते हैं। इस प्रजाति के भक्त बहुत शातिर होते हैं ये किसी विवाद को बड़ा करने के लिए सांप की तरह फुस्कार मारते हैं और बिल में घुस जाते हैं अर्थात जैसे कोई व्यक्ति किसी के मोबाइल नंबर पर मिस कॉल देकर इसलिए निश्चिंत होकर बैठ जाता है कि सामने वाला कॉल वापस जरूर करेगा और लोग मिस कॉल का जवाब देते भी हैं।
कट्टर भक्त ये भक्तों की सबसे खतरनाक प्रजाति होती है। इस प्रजाति के भक्त अपने साहेब के खिलाफ़ एक शब्द भी सुनना पसंद नही करते हैं। ये जरा जरा सी बात पर रिपोर्ट दर्ज करवाने थाने पहुंच जाते हैं। ऐसे कट्टर भक्तों से बचकर रहना चाहिए।
मासूम भक्त की बात करें तो ये भक्तों सबसे सीधी प्रजाति होती है क्योंकि कोई भक्त अपनी मां के पेट से पैदा नही होता है बल्कि उसे भक्त बनाया जाता है। हाल फिलहाल में भक्त बने लोगों को मासूम भक्त कहा जाता है क्योंकि इन्हें भक्तगीरी नही आती है और इन्हें साहेब की भक्ति का ज्यादा ज्ञान भी नही होता है। जब ये कहीं फंसते हैं तो मासूम बन जाते हैं।
जिद्दी भक्त के बारे में आपको बता दें कि ये भक्तों की ऐसी प्रजाति होती है कि ये अपने साहेब को भगवान की तरह पूजते हैं। साहेब के आगे अपने जन्मदाता को भी कुछ नही समझते हैं। जिद्दी भक्त जब अपनी जिद्द की नाव पर सवार हो जाते हैं तो अपराधियों का भी खुला समर्थन करने से नही चूकते हैं। जिद्दी भक्तों को एक धर्म के लोगों को देखकर खुजली होने लगती है अर्थात जिद्दी भक्तों के पिछवाड़े में कोई कीड़ा बिलबिलाने लगता है जिस कारण अक्सर उनके दिमाग का कनेक्शन दिल से टूट जाता है और मानसिक संतुलन भी बिगड़ जाता है जिसके चलते जिद्दी भक्त अजीबोगरीब हरकतें करते हुए भी नजर आते हैं।
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Bhakt Diwas: भक्त दिवस कब मनाया जाता है?, जानिए भक्तों के प्रकार
Reviewed by CARE OF MEDIA
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May 15, 2020
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